पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद सेना की ओर से इस हमले के मास्टरमाइंड कामरान और उसके साथियों को मारने के बाद भारतीय सुरक्षा बलों यानि आर्मी, सीआरपीएफ और पुलिस ने श्रीनगर में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने कहा कि- ‘जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान आर्मी का ही बच्चा है और पुलवामा हमले में पाक आर्मी भी शामिल है। जैश ने हमेशा सिक्योरिटी फोर्स पर हमला किया है। सेना ने कहा कि कई गाजी आए और चले गए। सेना ने साथ ही कश्मीरी मांओं से अपील की कि वो अपने बेटों से आतंक का रास्ता छोड़ने को कहें। अगर उन्होंने बंदूक उठाई तो मार दिये जायेंगे। कुल मिलाकर सेना ने खुलकर आतंकियों को चेतावनी दी कि आतंक का रास्ता छोड़ दो नहीं तो अंजाम बुरा होगा।
भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मीडिया के सामने आये। इमरान ने कहा कि भारत की ओर से जो आरोप उन पर लगाये जा रहे हैं वो सरासर गलत हैं। इमरान ने कहा कि नया पाकिस्तान आतंकवाद नहीं चाहता। भारत अगर पुलवामा हमले के सबूत हमें देता है तो पाकिस्तान उस पर कार्रवाई करेगा। इमरान ने कहा कि आतंकवाद की वजह से पाकिस्तान का भी काफी नुक्सान हुया है। हालांकि इमरान ने कहा कि भारत अगर युद्द करेगा तो उसका जवाब दिया जायेगा। इमरान ने कहा कि युद्द विकल्प नहीं है बातचीत से ही रास्ता निकल सकता है और हम बातचीत के लिये तैयार हैं।
दरअसल पाकिस्तान में सेना इतनी पावरफुल है कि वहां के प्रधानमंत्री को सेना का कहना मानना पड़ता है। वहां की सेना की सहायता के बिना कैसे कोई आतंकवादी संगठन सीमा पार से घुसपैठ कर सकता है या वहां अपना संगठन चला सकता है। कहा तो ये भी जाता है कि पाकिस्तान में आतंकवाद की ओर जाने का रास्ता भी सेना से होकर जाता है। ऐसा तो हो नहीं सकता कि ये सब वहां के पीएम को ना पता हो लेकिन जैसा कि हमने कहा वहां का पीएम सेना के दबाव मे रहता है और अगर वो ऐसा नहीं करेगा तो तख्तापलट के कई उदाहरण हम पाकिस्तान में देख चुके हैं।