राजनीति भी क्या चीज है। राजनीति में कहते हैं कि सब कुछ जायज है। राजनीति में भाई भाई का नहीं है। राजनीति में कुर्सी सबसे ऊपर है। राजनीति में कोई सगा नहीं है और ना ही कोई पराया। ये हम क्यों बोल रहे हैं। इसका उदाहरण देते हैं हम। महाराष्ट्र की पार्टी शिव सेना पिछले लंबे समय से बीजेपी पर कई मुद्दों को लेकर आरोप लगा रही थी। तकरीबन हर मुद्दे पर शिव सेना बीजेपी को घेर रही थी। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कई बार शिव सेना की ओर से सवाल उठाये गये। लेकिन हमने कहा ना कि कुर्सी सबसे ऊपर है।
आज की जो ताजा ख़बर है वो ये है कि लोगों का क्यों राजनीति पर से विश्वास उठता चला जा रहा है। राजनेता कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं। कई साल लोगों को बेवकूफ बनाते हैं और चुनाव के आखिरी साल में फिर वो ही ढाक के तीन पात। चलिये मुद्दे पर आते हैं, मुद्दा ये है कि आज महाराष्ट्र में फिर से बीजेपी और शिव सेना का गठबंधन हो गया है। इससे क्या लगता है आपको। ख़बर है कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा की सीटों पर 25 पर भाजपा तो 23 पर शिवसेना चुनाव लड़ेगी। गठबंधन के वक्त पता है क्या कहा गया। कहा गया कि ‘हमारे बीच गलतफहमियां थीं, लेकिन अगर ये बनी रहतीं तो इसका फायदा वो लोग उठा लेते, जिनसे हम 50 साल से लड़ते आ रहे हैं।’
राजनीति में गलतफहमियां कितनी जल्दी दूर हो जाती हैं आज एक बार फिर पता चला। वाह राजनेता भी ना, गिरगिट से कम नहीं हैं। दरअसल दोनों पार्टियों को लगता है कि इक्कठे रहकर ही कुछ हो सकता है, इसलिये चलो गलतफहमियां दूर करते हैं। गलतफहमियां सीटो के बटवारे के साथ ही दूर हो गई, अब अगर विधानसभा में सीटों का बटवारा ठीक से ना हुआ तो फिर से गलतफहमियां हो सकती हैं। खैर सब एक जैसे हैं किसको क्या कहें। इतना ही कह सकते हैं कि फिर से गठबंधन मुबारक।