पुलवामा आतंकी हमले में देश ने 41 जवान खो दिये हैं। इन जवानों की शहादत पर हर किसी को गर्व तो है लेकिन दुख इतना है कि हर कोई कह रहा है कि पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं से बदला लो। ना सिर्फ शहीद परिवारों में मातम है बल्कि देश के हर परिवार में गमगीन माहौल है। हर कोई इसकी निंदा कर रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कड़े शब्दों मे पाकिस्तान को ललकारा। कैप्टन ने पाकिस्तान के जनरल बाजवा और प्रधानमंत्री इमरान खान पर भी निशाना साधा और साथ बैठे सिद्दू को भी नसीहत दी। कैप्टन ने कहा कि इन लोगों से हाथ मिलाने का क्या फायदा। ये लोग पहले अपने यहां से आतंकवाद को खत्म करें फिर बात की जा सकती है। कैप्टन ने कहा कि पाकिस्तान का प्रधानमंत्री वहां के जनरल की कठपुतली की तरह काम कर रहा है।
कैप्टन ने कहा कि अब दोगला रवैया नहीं चलेगा। एक तरफ तो आप गुरू नानक देव जी के नाम पर वहां यूनिवर्सिटी खोलने की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ यहां हमारे जवानों की जाने ले रहे हैं। कैप्टन ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि जनरल बाजवा अगर तू पंजाबी है तो हम भी पंजाबी हैं तू यहां घुस के देख तेरा क्या हाल करते हैं। कैप्टन ने कहा कि पंजाब की पुलिस ही काफी है पाकिस्तान को मजा चखाने के लिये। कैप्टन ने कहा कि ना सिर्फ सरकार पंजाब के चार शहीदों के परिवारों के साथ है बल्कि दूसरे शहीदों के परिवारों के भी साथ है। कैप्टन ने शहीद के परिवार को 12 लाख रूपये और घर के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही।
कैप्टन विधानसभा में ललकार तो इमरान खान और जनरल बाजवा को थे लेकिन उनका इशारा कहीं ना कहीं सिद्दू की तरफ भी था कि पाकिस्तान में बैठे जनरल बाजवा दोगले हैं। दरअसल सिद्दू ने कल फिर कहा था कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और ये मसला अटैक से नहीं बल्कि दूसरे देशों को साथ मिलाकर बातचीत से हल हो सकता है। इस बयान के बाद सिद्दू मीडिया के निशाने पर आ गये थे और उनकी काफी किरकिरी हुई थी।
कैप्टन ने उस समय भी विरोध किया था जब सिद्दू पाकिस्तान ने जनरल बाजवा के गले मिले थे। उस समय हालांकि पूरे देश में सिद्दू के गले मिलने को लेकर विरोध हुआ था वहीं कैप्टन ने भी कहा था कि वो सिद्दू पर्सनली तौर पर वहां गये थे हालांकि उन्होनें सिद्दू को वहां ना जाने के लिये कहा था।