इनेलो सुप्रीमों ओमप्रकास चौटाला फरलो पर आने के बाद अब प्रदेश के दौरे पर हैं। करनाल और उसके बाद लाडवा पहुंचे चौटाला ने प्रदेश में नये गठबंधन को लेकर बयान दिया है। चौटाला के मुताबिक इनेलो आने वाले दिनों में किसी पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है। जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि क्या ये पार्टी बीजेपी या ‘आप’ हो सकती है, तो उन्होनें कहा हो सकती है। दरअसल बसपा के साथ छोड़ जाने के बाद अब इनेलो नये रास्ते तलाश रही है। चौटाला ने कहा कि जब चुनाव नजदीक होते हैं तो गठबंधन टूटते भी हैं और नये भी बनते हैं।
अगले 10 दिनों में चौटाला पूरे प्रदेश में घुमेंगे और साथ ही गठबंधक को लेकर भी वो किसी दूसरी पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर उसकी रूपरेखा भी तैयार करेंगे। इनेलो के टूटने के बाद और दुष्यंत चौटाला की ओर से नई पार्टी बनाने के बाद इनेलो को काफी नुक्सान हुआ है जो कि जींद के उपचुनाव में भी देखने को मिला। जींद के उपचुनाव में ना सिर्फ पार्टी इतने कम वोटों पर सिमट गई बल्कि मायावती भी साथ छोड़ गई। अब इनेलो के ग्राफ को उपर उठाने के लिये इनेलो को फिर से एक मजबूत साथी की जरूरत लग रही है। बसपा के साथ छोड़ने के बाद चर्चा चल रही है कि इनेलो और बीजेपी का गठबंधन हो सकता है। जिसका इशारा भी खुद चौटाला ने कर दिया है।
इनेलो के लिये प्रदेश में गठबंधन करने के लिये ऑप्शन भी कम है। बसपा और लोसपा मिल गये हैं। जेजेपी और ‘आप’ मिल सकते हैं। बाकि बचे कांग्रेस,बीजेपी और अकाली दल। कांग्रेस के साथ इनेलो जा नहीं सकती वहीं अकाली दल अभी सोच रहा है कि किसके साथ जाने से फायदा मिल सकता है। आने वाले दिनों में अकाली दल बीजेपी या फिर जेजेपी के साथ गठबंधन कर सकता है वहीं चर्चा ये भी है कि अकाली दल बसपा और लोसपा के साथ भी जा सकता है। इस स्थिती में बची सिर्फ बीजेपी। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के स्थानीय नेता नहीं चाहते कि उनकी पार्टी का गठबंधन इनेलो के साथ हो। चर्चा ये भी है कि बीजेपी चुनाव से पहले गठबंधन नहीं करेगी। अब देखना होगा कि राजनीति के खिलाड़ी माने जाने वाले चौटाला किसके साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे।