लोकसभा चुनावों के लिये सभी पार्टियों ने कमान कस ली है। संभावित उम्मीदवारों के नामों के लिये जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। भाजपा और कांग्रेस की ओर से रैलियों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस हाईकमान की ओर से तकरीबन सभी राज्यों में कमेटियों का गठन कर दिया गया है। हरियाणा में ये गठन होना बाकि है और कहा जा रहा है कि अगले एक – दो दिन में हरियाणा की कमेेटियों का गठन हो जायेगा। मुख्य रूप से कैंपेन कमेटी के चेयरमैन पर सबकी नजर होती है कि कौन होगा। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा लोकसभा चुनावों के लिये हरियाणा की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन हो सकते हैं। कैंपेन कमेटी का चेयरमैन स्टार प्रचारक होता है और वो पूरे राज्य में घूम कर रैलियां कर पार्टी के लिये प्रचार करता है।
कैंपेन कमेटी के अलावा पब्लिसिटी कमेटी, को-ऑर्डिनेशन कमेटी, मीडिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी और इलेक्शन कमेटी, ये कमेटियां कांग्रेस की ओर से हर राज्य में बनाई जा रही हैं। इन सभी कमेटियों में प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को एडजस्ट किया जाता है। कुलमिलाकर कैंपेन कमेटी में कौन-कौन होता है इस पर नजर होती है। जो चेहरे अच्छा बोलने वाले होते हैं या बड़े नेता होते हैं उनको कैंपेन कमेटी में रखा जाता है।
इसके अलावा जो इलेक्शन कमेटी बनाई जायेगी उसमें जो भी नेता होंगे वो उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा कर हर लोकसभा क्षेत्र से 2-3-4 नाम हाईकमान को भेजेपी जिस पर हाईकमान मुहर लगायेगा। इस कमेटी में मुख्य तौर पर जो हरियाणा कांग्रेस के बड़े नाम हैं वो सब शामिल होंगे। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, रणदीप सुरजेवाला, कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी, कैप्टन अजय यादव , कुमारी शैलजा, नवीन जिंदल के अलावा कुछ नाम और शामिल हो सकते हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 10 में से केवल एक सीट मिली थी। मोदी लहर में कांग्रेस केवल रोहतक से सीट बचा पाई थी। दीपेंद्र हुड्डा लगातार तीसरी बार यहां से एमपी चुने गये थे। हालांकि इनेलो को दो सीटों पर फतेह हासिल हुई थी। सिरसा से चरणजीत सिंह रोड़ी और हिसार से दुष्यंत चौटाला जीत कर लोकसभा में पहुंचे थे। बीजेपी को 10 में से 7 सीटों पर बंपर जीत मिली थी। हालांकि इस बार बीजेपी की ओर से तकरीबन 4-5 सीटों पर उम्मीदवार बदले जाने की ख़बरे आ रही हैं। वहीं इनेलो दोफाड़ हो चुकी है। इनेलो-बसपा गठबंधन टूटने की कगार पर है देखना होगा कि बसपा लोकसभा का चुनाव इनेलो के साथ मिलकर लड़ती है या फिर किसी और के साथ। वहीं जेजेपी और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेंगे या फिर अलग-अलग। ये सब फैसला होने के बाद ही पता चलेगा कि कौनसी पार्टी कितने पानी में है।