प्रियंका गांधी आधिकारिक तौर पर मोर्चा संभालने जा रही हैं। प्रियंका गांधी विदेश से वापस आ गई हैं। वापस आने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अपने भाई राहुल गांधी से वो मिली। साथ में ज्योतिरादित्य सिंधिया और वेनुगोपाल भी थे। वहीं कांग्रेस मुख्यालय में प्रियंका गांधी के दफ्तर के बाहर उनकी नेम प्लेट भी लग गई है। राहुल गांधी ने कहा है कि प्रियंका की भूमिका केवल उत्तरप्रदेश तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि वह पूरे देश में कांग्रेस के लिए काम करेंगी। राहुल गांधी के मुताबिक ‘महासचिव होने के नाते प्रियंका गांधी की राष्ट्रीय भूमिका है, मैंने अभी उन्हें एक टास्क दिया है, पहले टास्क की सफलता पर दूसरा टास्क दिया जाएगा।’ राहुल गांधी ने इससे पहले कहा था कि प्रियंका को लेकर किया गया फैसला दस दिन में नहीं हुआ बल्कि सालों पहले ले लिया गया था। प्रियंका के बच्चे छोटे थे, इस वजह से देरी हुई।
प्रियंका को हालांकि पूर्वी यूपी का दायित्व सौंपा गया है लेकिन कांग्रेस में प्रियंका वो चेहरा हैं जिसको अगर पार्टी पूरे देश में लेकर जाती है तो कांग्रेस को फायदा हो सकता है। काफी लंबे समय से ये कयास लगाये जा रहे थे कि प्रियंका कांग्रेस में आने वाली हैं। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि प्रियंका को अगर स्टार प्रचारक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है तो कांग्रेस के लिये काफी फायदेमंद हो सकता है।
वहीं बीजेपी या उसकी सहयोगी पार्टियों का कहना है कि प्रियंका के सक्रिय तौर पर राजनीति नें आने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रियंका गांधी को लेकर कहा है कि प्रियंका गांधी को तो राजनीति की ड्राइवरी तक नहीं आती। प्रियंका के कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए की ही सरकार बनेगी। पंजाब में अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन है इसलिये बादल साहब ऐसा बोल रहे हैं।
प्रियंका गांधी दफ्तर संभालने के बाद यूपी का दौरा करेंगी, देखना होगा कि प्रियंका की इस नई पारी को लेकर यूपी के लोगों का क्या रूख है। उसके बाद कांग्रेस उन्हें पूरे देश में लेकर जायेगी मतलब बड़ी-बड़ी रैलियां देखने को मिल सकती हैं। बीजेपी में जहां पीएम मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बड़ी-बड़ी रैलियां करेंगे तो वहीं कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी ऐसा करेंगे। कुल मिलाकर थोड़े दिन बाद ही पूरे देश में रैलियों का मंच सजने वाला है।