हरियाणा में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर कई बार सवाल उठे हैं। नया मामला हिसार जिले के पाबड़ा गांव का है जहां स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ नाम का है। कहने को तो ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले काफी वर्षों से बना हुआ है लेकिन उसमें लगभग सभी पद पिछले बहुत समय से खाली पड़े हैं। जो एक आध डॉक्टर नियुक्त भी है तो वो ग्रामीणों को ढंग से सेवाएं नही दे पा रहे हैं।
गांव वालों की ओर से इस बाबत कई बार प्रशासन से गुहार लगाई गई है लेकिन कोई सुनवाई नही हुई, लेकिन जब ये बात इस गांव की मिट्टी में जन्मे डॉक्टरों को पता चली तो उनसे ये सहन नहीं हुआ और उन्होंने ठान लिया कि वो अपने बूते पर गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने का काम करेंगे। इसी गांव की मिट्टी में जन्मे डॉक्टरों ने जब इस मुद्दे पर चर्चा करके अपने ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा देने का विचार बनाया तो उनके साथी डॉक्टरों ने भी एकमत होकर हामी भरते हुए एक महां मेडिकल जांच कैंप के आयोजन का खाका तैयार कर दिया। उसी खाके को साकार करते हुए इतवार को चिकित्सा कैंप का आयोजन किया गया जिसमें कुल मिलाकर 16 डॉक्टरों की टीम ने 1000 से ज्यादा ग्रामीणों के स्वास्थ्य को जांचा और उन्हें निशुल्क दवाएं भी दी गई।
इस मेडिकल जांच टीम में शामिल चिकित्सकों में 8 डॉक्टर इसी गांव की मिट्टी में जन्मे थे। अपने लोगों के बीच सेवाएं देते हुए जहां डॉक्टर खुश नजर आये वहीं ग्रामीण भी अपने बच्चो को खुद के बीच पाकर खुशी से फुले नही समा पा रहे थे।

पाबड़ा गांव के जागृति युवा मंच और गांव में ही स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के एलुमनी एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से लगाए गए इस मेडिकल जांच कैंप में कुल 18 चिकित्सक पहुंचे जिनमें से 8 डॉक्टर इसी गांव की मिट्टी में जन्मे तथा कुछ डॉक्टर गांव में स्थित नवोदय विद्यालय के पूर्व में छात्र भी रहे हैं। अन्य चिकित्सक अपने साथियों के साथ उनकी मिट्टी का कर्ज चुकाने के लिए गांव में पहुंचकर उनकी मदद कर रहे थे।
गांव के लोगों ने इस तरह का कैंप लगाकर लापरवाह प्रशासन के मुंह पर तमाचा मारा है। वहीं गांव वाले जो कि प्रशासन की ओर से सुनवाई ना होने को लेकर दुखी और नाराज थे वो गांव में जन्मे डॉक्टरों की ओर से उनकी सुध लेने को लेकर खुश नजर आये।
Report By- रुद्रा राजेश कुण्डू