जींद उपचुनाव में जब कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला को टिकट दिया तो सभी को लगा कि कांग्रेस ने मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है। रणदीप सुरजेवाला राजनीति के खिलाड़ी हैं। दो बार इनेलो सुप्रीमों ओमप्रकाश चौटाला को हराकर वो अपने आप को साबित कर चुके हैं । कैथल से विधायक होते हुये जींद के उपचुनाव में कूदना बहुत बड़ा रिस्क था लेकिन सुरजेवाला ने ये रिस्क लिया। हालांकि ये कहा जा रहा था कि राहुल गांधी ने हरियाणा के सभी बड़े नेताओं को ठोक कर कहा है कि सभी एकजुट नजर आने चाहिये। नामांकन वाले दिन ऐसा हुआ भी लेकिन बाद में सब इधर-उधर। शुरू में सुरजेवाला ने चुनाव में पकड़ भी बनाई और ऐसा लगा रहा था कि वो मुकाबले में हैं और बीजेपी, कांग्रेस और जेजेपी में से कोई भी जीत सकता है लेकिन धीरे-धीरे सुरजेवाला तिकोने मुकाबले से बाहर होते दिखाई दिये।
अब चुनाव में जब सुरजेवाला तीसरे नंबर पर रहे और जमानत बड़ी मुश्किल से बची तो प्रदेश अध्यक्ष ने मंथन करने के बाद रिपोर्ट तैयार की है। बताया गया है कि हार के कारणों और नेताओं की भूमिका का जिक्र तंवर की इस रिपोर्ट में है। तंवर अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपेंगे। अगले कुछ दिनों में उनकी राहुल गांधी से मुलाकात संभव है। वहीं जींद से उम्मीदवार रहे रणदीप सुरजेवाला भी जींद के नतीजों को लेकर राहुल गांधी को अपनी रिपोर्ट देंगे। सुरजेवाला की टीम की ओर से ये खबर है कि तंवर ने तो सुरजेवाला का पूरी तरह से साथ दिया लेकिन बाकि नेताओं की ओर से उतनी सपोर्ट नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिये थी।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव , चंद्रमोहन बिश्नोई समेत कई नेताओं ने जींद में प्रचार किया था। सुरजेवाला को जमानत से महज 950 वोट ही अधिक मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में कई वरिष्ठ नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं। तंवर अब राहुल गांधी को अपनी रिपोर्ट देंगे। वहीं इस रिपोर्ट के बाद एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं मे घमासान नजर आयेगा। कुछ दिन पहले ही हुड्डा गुट के विधायकों ने प्रदेश के नये प्रभारी से मिल तंवर की शिकायत लगाई थी अब बारी अशोक तंवर की है। देखना होगा कि तंवर की इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस हाईकमान क्या फैसला लेता है।