लो जी गन्ने का जूस राष्ट्रीय जूस बन गया है। वैसे हमारे देश में गन्ने का जूस नहीं बल्कि गन्ने का रस कहते हैं। गन्ने के जूस को भारत ने नहीं बल्कि पाकिस्तान ने राष्ट्रीय जूस घोषित कर दिया है। दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में एक ऑनलाइन सर्वे करवाया गया था इस बारे में। ऑनलाइन सर्वे में 7616 लोगों ने अपनी राय इस बारे में दी। इन लोगों में से ज्यादातर लोगों ने गन्ने के जूस को अपना पसंदीदा जूस बताया। करीब 81 प्रतिशत लोगों ने गन्ने के लिेये और 15 प्रतिशत लोगों ने संतरे के जूस के लिये वहीं गाजर के जूस के लिये सिर्फ 4 फीसदी लोगों ने ही अपना मत दिया। जिसके बाद गन्ने के जूस को राष्ट्रीय जूस घोषित कर दिया गया।
दरअसल भारत की तरह ही पाकिस्तान में भी गन्ने का जूस आसानी से सड़क के किनारे मिल जाता है। गन्ने का जूस दूसरे जूस की बजाये सस्ता भी होता है। गन्ने का जूस गर्मी के दिनों में ज्यादा पिया जाता है। जिन लोगों को पीलिया होता है उन्हें गन्ने का जूस पीने की सलाह भी दी जाती है।
अब हम आपको बताते हैं कि गन्ने का जूस पीते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिये।
गन्ने का जूस बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले गन्नों पर अवश्य नजर दौड़ाएं। अगर गन्ने खराब होंगे तो इसका रस बीमारी पैदा कर सकता है। गन्ने का रस हमेशा साफ जगह से ही पीना चाहिए और गंदगी वाली जगह से जूस पीना आपको बीमार कर सकता है।
गन्ने का जूस हमेशा ताजा ही पीना चाहिये, फ्रीज में रखा हुआ रस या फिर पहले से बना हुआ रस पीने से आपकी सेहत को नुक्सान हो सकता है। गन्ने का जूस पीते वक्त इस बात का भी ख्याल रखें कि उसमें किसी अन्य चीज की मिलावट न हो।
गन्ने का जूस ज्यादा नहीं पीना चाहिये, विशेषज्ञों के मुताबिक एक दिन में दो गिलास से ज्यादा नहीं पीना चाहिए। गन्ने का जूस 15 मिनट में ऑक्सीडाइज हो जाता है, इसके बाद इसे पीना बीमारियों को न्यौता देना है।