हरियाणा की 4 हस्तियों को पद्मश्री और एक को मिला पद्मभषण सम्मान। इन चार में से 3 तो किसान हैं जिन्होनें खेती या पशुपालन में कमाल किया है। हम बताते हैं आपको कि ये प्रगतिशील किसान कौन हैं और इन्होनें क्या कमाल किया है।
करनाल के नीलोखेड़ी के पास बुटाना गांव के सुल्तान सिंह ने परंपरागत खेती की बजाए मछली पालन शुरू किया। उन्होंने न केवल मछली पालन किया, बल्कि मछली का बीज तैयार किया और इसके बाद मछली के प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर 35 तरह के मछली के प्रोडक्ट बना रहे हैं। उन्होंने फिश बाइट के नाम से अपना ब्रांड भी बनाया हुआ है। इस सभी से वे करीब 50 लाख रुपए आमदनी ले रहे हैं। सुल्तान सिंह ने अपनी मेहनत से हरियाणा का नाम रोशन किया है।
दुसरा नाम है कंवल सिंह चौहान जो कि सोनीपत के अटेरना गांव के हैं। कंवल सिहं ने बेबीकार्न , स्वीटकार्न और मशरूम की खेती कर यहां कि किसानों को एक नया रास्ता दिखाया और किसान मालामाल हो गये। किसान मालामाल तो हुए ही साथ ही विदेशी भी उनके यहां नई तकनीक से रूबरू होने के लिए आने लगे। बेबीकार्न, स्वीटकार्न ने आठ गांवों के किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी। अटेरना गांव के कंवल सिंह चौहान के मुताबिक 12 साल पहले तक यहां किसान केवल गेहूं और धान पर निर्भर थे। परिवार का गुजारा मुश्किल से चलता था। किसानों के मन में कुछ अलग करने की लालसा हुई। कंवल सिंह चौहान ने सबसे पहले बेबीकार्न व स्वीटकार्न की खेती को शुरू किया। जब मंडी में भाव अच्छे मिलने लगे तो बाकी किसान भी आकर्षित हुए। आज आठ गांव के किसान पूरी तरह से सब्जी की खेती को बिजनेस के तौर पर कर रहे हैं। पोली हाउस में तैयार सब्जी और मशरूम आजादपुर मंडी , दिल्ली में हाथों हाथ बिक रही है।
वहीं तीसरा नाम नरेंद्र सिहं का है उन्होनें भी पशुपालन में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसके अलावा पहलवान बजरंग पूनियां को भी पदमश्री सम्मान से नवाजा जायेगा। बजरंग पूनियां ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम रोशन किया है। वहीं दर्शन लाल जैन को समाज सेवा के लिये पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया है।