जींद के उपचुनाव में कांग्रेस को कलायत से निर्दलीय विधायक जयप्रकाश का साथ मिल गया है। जेपी पूर्व में कांग्रेस में भी रहे हैं। इस बार जींद के उपचुनाव में उनके बेटे को भी कांग्रेस की ओर से टिकट देने की चर्चा चली थी। बाद में जब उनके बेटे को टिकट ना देकर रणदीप सुरजेवाला को कांग्रेस हाईकमान ने टिकट दिया तो ये चर्चा थी कि शायद जेपी नाराज़ हैं और वो कांग्रेस की मदद नहीं करेंगे। हालांकि कुछ समय पहले रणदीप सुरजेवाला और जेपी ने कैथल में हाथ मिलाया था। उस समय ऐसा लग रहा था कि जेपी कांग्रेस में दोबारा शामिल होंगे। जेपी ने भी कहा था कि इसका फैसला दिल्ली में होगा। अभी तक जेपी कांग्रेस में तो शामिल नहीं हुये हैं लेकिन कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि जेपी ने दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मिलकर जींद में कांग्रेस को समर्थन देने का वादा किया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में जब कलायत से कांग्रेस ने जेपी को टिकट नहीं दिया था तो जेपी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। पहले जेपी और रणदीप में नहीं बनती थी लेकिन कुछ समय पहले दोनों को लगा कि शायद इक्कठे होने से ही बात बन सकती है तो दोनों ने हाथ मिला लिया। दरअसल जेपी और रणदीप सुरजेवाला की एक दूसरे के इलाके में पकड़ है तो दोनों का साथ आना मजबूरी है। जेपी अगर जींद में कांग्रेस के लिये प्रचार करते हैं तो ग्रामीण इलाके में फायदा मिल सकता है।